what is future and option trading in hindi | आसान भाषा में
What is future and option trading in hindi: शेयर बाजार में दो प्रमुख प्रकार के डेरिवेटिव ट्रेडिंग विकल्प हैं, फ्यूचर ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग, जो निवेशकों को अपनी पूंजी को बढ़ाने और अपने जोखिम को नियंत्रित करने का मौका देते हैं. आसान शब्दों में, ये स्टॉक, कमोडिटी या करेंसी के भविष्य के मूल्य का अनुमान लगाकर मुनाफा कमाने के लिए किए जाते हैं:
What is future and option trading in hindi
फ्यूचर ट्रेडिंग में आप एक निश्चित कीमत पर किसी शेयर या कमोडिटी को भविष्य में खरीदने या बेचने का अनुबंध करते हैं। यदि कीमत आपके अनुमान के अनुसार बढ़ती है, तो आप मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन यदि कीमत घटती है, तो आप नुकसान उठाना पड़ सकता है। भविष्य की संभावनाओं पर फ्यूचर ट्रेडिंग एक तरह का “वायदा सौदा” है।
भविष्य में किसी संपत्ति या शेयर को एक निश्चित मूल्य पर खरीदने या बेचने का "विकल्प" आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में मिलता है, लेकिन यह आपकी ज़िम्मेदारी नहीं है। यह दो प्रकार के हैं:दो विकल्प हैं: कॉल (खरीदने का विकल्प) और पुट (बेचने का विकल्प)। आप मुनाफा कमा सकते हैं अगर बाजार आपके अनुमान के अनुसार चलता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में केवल प्रीमियम का भुगतान होता है, इसलिए नुकसान का जोखिम कम होता है।
ट्रेडिंग इन दोनों के लिए बाजार की अच्छी समझ और शोध की आवश्यकता होती है। फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में कमाई के अधिक अवसर होते हैं, लेकिन इसके साथ कुछ जोखिम भी होते हैं। इसलिए फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए नए अवसर खोल सकते हैं अगर आप शेयर बाजार में गहराई से प्रवेश करना चाहते हैं।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और जोखिम
फायदे
1.कम बजट पर बड़े लाभ का मौका— फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में कम निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने की संभावना है। कुल निवेश का एक छोटा सा हिस्सा, मार्जिन, आपको इसके लिए चाहिए है।
2.हेजिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प— यदि आपके पास पहले से कुछ शेयर हैं और आप उनके मूल्य घटने का जोखिम कम करना चाहते हैं, तो आप इस ऑप्शन का उपयोग करके हेजिंग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप पुट ऑप्शन लेकर उस गिरावट से बच सकते हैं यदि आपको लगता है कि आपके शेयर की कीमत गिर सकती है।
3.लचीलापन—ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार है लेकिन बाध्यता नहीं होती, जिससे आप सही समय पर निर्णय ले सकते हैं और नुकसान को कम कर सकते हैं।
4.अल्पावधि में मुनाफे की संभावना—यह कम समय में लाभ कमाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है, खासकर अगर बाजार के उतार-चढ़ाव को सही तरीके से समझा जाए. यह फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है।
जोखिम
1.उच्च खतरा: फ्यूचर ट्रेडिंग में भी नुकसान अधिक होता है क्योंकि आपके अनुमान गलत हो सकते हैं, जिससे आपको बहुत नुकसान हो सकता है। थोड़ी सी कीमत में बदलाव से भी मार्जिन प्रभावित हो सकता है।
2.प्रीमियम का नुकसान (ऑप्शन ट्रेडिंग में)— आप ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम भुगतान करते हैं, और आपका प्रीमियम खर्च हो सकता है, जिससे आपका नुकसान हो सकता है।
3.बहुत अधिक मार्केट वोलैटिलिटी का प्रभाव' फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। अचानक आई वोलैटिलिटी से बाजार के अनुमान गलत हो सकते हैं, जिससे मुनाफा की बजाय नुकसान हो सकता है।
4.अनुभव की आवश्यकता होती है— ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेडिंग में अनुभव और गहरी जानकारी की जरूरत होती है। नए निवेशक अक्सर गलत जानकारी खो देते हैं।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए जरूरी टिप्स
1.रिसर्च और मार्केट की समझ: फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले, बाजार की सही रिसर्च करना और उसकी मूल बातों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
2.स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें— किसी भी ट्रेड में जोखिम को कम करने के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग करें। यदि आपके अनुमान गलत होते हैं, तो आपको बहुत नुकसान नहीं होगा।
3.ट्रेडिंग योजना का पालन करें— योजना के बिना ट्रेडिंग न करें। पहले से निर्धारित लक्ष्यों, निवेश राशि और निकासी योजना पर काम करें।
4.ट्रेड्स से शुरू करें— यदि आप नए हैं, तो छोटे-छोटे ट्रेड्स से शुरू करें ताकि आप अनुभव प्राप्त कर सकें और धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ा सकें।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में सही दृष्टिकोण क्यों आवश्यक है?
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए। यह एक अलग तरह की तकनीकी और मानसिक तैयारी की जरूरत है, जो सामान्य निवेश से अलग है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण चीजें हैं जो आपकी सोच को बढ़ा सकती हैं:
1.धैर्य रखें: शेयर बाजार में निवेश करते समय धैर्य महत्वपूर्ण है, और फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में तो यह अनिवार्य है। विपरीत परिस्थितियों में घबराकर गलत निर्णय लेने से बचें। यह समझना महत्वपूर्ण है कि बाजार की हर चुनौती आपके पक्ष में नहीं होगी। सावधानीपूर्वक अपने ट्रेड्स का प्रबंधन करें और अपने जोखिम को समझें।
2.भावनाओं पर पकड़: फ्यूचर और ऑप्शन में अक्सर अचानक लाभ और नुकसान होता है। उतार-चढ़ाव से बचने के लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। लालच या भय से ट्रेड नहीं करें; यह आपको ट्रेडिंग में असंतुलित कर सकता है।
3.अभ्यास करें और demo account का उपयोग करें: नए ट्रेडर्स को सही रणनीति का अभ्यास करने के लिए सबसे अच्छा उपाय डेमो अकाउंट है। इससे आप बिना पैसे लगाए कई ट्रेडिंग रणनीतियों को अपना सकते हैं। इससे आपको प्रैक्टिकल अनुभव मिलेगा और आपको बेहतर समझ होगी जब आप वास्तविक ट्रेडिंग शुरू करेंगे।
4.अपडेट रहना: निवेशकों को फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करते समय आर्थिक और वैश्विक समाचारों से सतर्क रहना चाहिए। ताकि आप अपनी योजनाओं को समय पर बदल सकें, आपको आर्थिक रिपोर्ट्स, कंपनी के नतीजे और बाजार के संकेतकों को समझना चाहिए।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के विभिन्न रूप
आपकी रणनीतियों और लक्ष्यों के आधार पर, आप फ्यूचर और ऑप्शन में कई प्रकार की ट्रेडिंग चुन सकते हैं:
1.अंतरराष्ट्रीय फ्यूचर ट्रेडिंग: इसमें फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को एक दिन में खरीदा और बेचा जा सकता है। यह उन लोगों के लिए है जो अल्पकालिक मुनाफा चाहते हैं। इसमें अनुभव और बाजार की नज़र होनी चाहिए।
2.स्विंग व्यापार: इस तरह की ट्रेडिंग में आप अपने सौदे को एक से दो सप्ताह तक होल्ड कर सकते हैं। निवेशकों के लिए जो मुनाफे के लिए बाजार में कुछ समय रहना चाहते हैं, यह अच्छा है।
3.Long-term फ्यूचर होल्डिंग्स: निवेशक इस तरह के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को लंबी अवधि तक होल्ड करते हैं, जो अधिक जोखिम लेकिन कम मुनाफा देता है।
4.कवर कॉल का विकल्प: निवेशक अपने वर्तमान स्टॉक्स पर कॉल ऑप्शन बेचते हैं, जो एक कम जोखिम वाली चाल है। उन्हें इससे एक प्रीमियम मिलता है, जो उनके रिस्क को भर सकता है।
5.अंतरराष्ट्रीय व्यापार: इसमें निवेशक बाजार की चाल का अनुमान लगाए बिना मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। इसमें बाजार बदलते ही मुनाफा कमाया जाता है।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीतियाँ
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए कुछ कारगर उपायों का पालन करना आवश्यक है। आपके जोखिम को कम करने और मुनाफे की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए इन तरीकों का उपयोग करें। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियाँ दी गई हैं:
1.कॉल और पुट ऑप्शन रणनीति (Call and Put Options Strategy):
- जब आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ेगी, तो आप कॉल ऑप्शन खरीदते हैं।
- जब स्टॉक की कीमत घटने की संभावना होती है, तो पुट ऑप्शन खरीदा जाता है।
- ये दोनों विकल्प आपको बाजार की चाल के अनुसार ट्रेडिंग का लचीलापन देते हैं, साथ ही एक तय जोखिम।
2.स्प्रेड रणनीति (Spread Strategy):
- इसमें एक ही प्रकार का ऑप्शन, चाहे वह पुट हो या कॉल, एक साथ विभिन्न स्ट्राइक प्राइस पर खरीदा और बेचा जाता है। इससे जोखिम कम होता है और मुनाफा या नुकसान सीमित होता है।
- बुल स्प्रेड कम दरों पर कॉल खरीदकर और उच्च दरों पर कॉल बेचकर लाभ उठाता है।
- बेयर स्प्रेड में पुट को उच्च कीमत पर खरीदकर और कम कीमत पर बेचकर संभावित लाभ मिलता है।
- Streak रणनीति में कॉल और पुट ऑप्शन एक ही स्ट्राइक प्राइस पर खरीदे जाते हैं और एक ही एक्सपायरी।
- जब बाजार में बहुत अधिक अस्थिरता (वोलैटिलिटी) की संभावना हो और कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव की उम्मीद हो, तो इस रणनीति का इस्तेमाल किया जाता है।
- यदि कीमतें बहुत अधिक या बहुत कम होती हैं, तो इससे मुनाफा कमाया जा सकता है।
4.स्ट्रैंगल रणनीति (Strangle Strategy):
- स्ट्रैंगल रणनीति में पुट और कॉल भी खरीदे जाते हैं, लेकिन अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस पर।
- यह रणनीति भी अत्यधिक वोलैटिलिटी पर निर्भर होती है और जब निवेशक को बाजार में बड़ी चाल की उम्मीद होती है, लेकिन दिशा के बारे में अनिश्चितता होती है।
- स्ट्रैंगल की मुनाफे की सीमा अधिक हो सकती है और यह स्ट्रैडल से सस्ता होता है।
5.कवरड कॉल रणनीति (Covered Call Strategy):
- लंबे समय तक शेयर रखने वाले निवेशकों के लिए यह रणनीति उपयुक्त है।
- इस प्रणाली में, निवेशक अपने जमा किए हुए शेयरों पर कॉल ऑप्शन बेचते हैं और प्रीमियम को उनकी आय में जोड़ते हैं।
- इससे रिस्क कम होता है, लेकिन अतिरिक्त आय की संभावना बनी रहती है अगर शेयर की कीमत स्थिर रहती है।
- इसमें निवेशक अपनी मौजूदा होल्डिंग्स पर पुट ऑप्शन खरीदते हैं ताकि पुट ऑप्शन से मिलने वाले लाभ से नुकसान को भरपाया जा सके अगर शेयर की कीमत गिरती है।
- यदि निवेशक अपने शेयरों को लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं, लेकिन बाजार में अस्थिरता के कारण उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता होती है, तो यह रणनीति उचित है।
- आयरन कॉन्डोर में चार विकल्प उपयोग किए जाते हैं: दो पुट और दो कॉल, एक ही स्ट्राइक प्राइसेस और एक्सपायरी।
- यद्यपि इसका उद्देश्य वोलैटिलिटी के बीच सीमित लाभ उठाना है, लेकिन यह एक कठिन रणनीति है, जिसमें आपको स्टॉक्स की चाल की सटीक भविष्यवाणी करनी होगी।
- यह तब फायदेमंद होता है जब बाजार स्थिर होता है और आप एक सीमित लेकिन सुरक्षित आय चाहते हैं।