What is intraday treding in hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है हिंदी में
अब एक सवाल उठता है: कोई ट्रेडर इस तरह का काम क्यों करेगा? इसका सरल उत्तर है। मुनाफा intraday treding में बाजार की कीमतों में गिरावट से जल्दी पैसा कमाया जा सकता है। लंबे समय तक निवेश करने वाले लोग सालों इंतज़ार करते हैं लेकिन इंट्राडे ट्रेडर्स सिर्फ कुछ घंटों में मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस ट्रेडिंग में मुनाफा जितना तेज़ी से कमाता है। उतनी ही तेज़ी से नुकसान भी हो सकता है। यह एक जोखिमपूर्ण खेल है और इंट्राडे ट्रेडर्स को कभी-कभी बहुत भारी पड़ सकता है क्योंकि वे बहुत कम अनुभवी हैं। साथ ही इस तरह की ट्रेडिंग करने के लिए अच्छी मार्केट समझ तुरंत निर्णय लेने की क्षमता और सही रणनीतियों की आवश्यकता होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में तकनीकी विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण है। इंट्राडे ट्रेडर्स स्टॉक की कीमत को आगे कैसे बढ़ेगा पता लगाने के लिए चार्ट्स, पैटर्न्स और कई इंडिकेटर्स का उपयोग करते हैं। जैसे एक कुशल तीरंदाज़ हवा की दिशा को देखकर तीर चलाता है, उसी तरह ट्रेडर भी मार्केट सिग्नल्स को देखकर निर्णय लेता है।
मार्जिन ट्रेडिंग: इस तरह के ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को अपनी पूंजी से अधिक राशि का ट्रेडिंग करने का अवसर मिलता है। किंतु मुनाफे के साथ यह जोखिम भी बढ़ाता है।
भावनाओं को नियंत्रित करना: जब बाजार की चाल कभी-कभी बहुत अप्रत्याशित हो सकती है यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ट्रेडर अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें।
इंट्राडे ट्रेडिंग सिर्फ तकनीकी समझ का खेल नहीं है। यह भी मन का खेल है। जैसे एक जुआरी अपने दांव लगाने से पहले मानसिक संतुलन बनाए रखता है, इंट्राडे ट्रेडर को हर फैसले में धैर्य और विवेक दिखाना होगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग से आप बेशक एक दिन में अच्छी कमाई कर सकते हैं पर अगर योजना सही न हो तो नुकसान भी उतनी ही तेजी से हो सकता है। इसे अपनाने से पहले पूरी रिसर्च करें छोटे कदमों से शुरुआत करें और सबसे महत्वपूर्ण बात अपने नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस का इस्तेमाल करना कभी न भूलें।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे?
आप एक दिन में अच्छी कमाई कर सकते हैं अगर आपको सही योजना नहीं है, तो आप को नुकसान भी हो सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग अपनाने से पहले छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करें और सबसे महत्वपूर्ण अपने नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस का उपयोग करना कभी न भूलें।1 त्वरित मुनाफा: खरीद और बिक्री एक दिन में होने से आपको मुनाफे का इंतज़ार नहीं करना पड़ता आप हर बदलाव का फायदा उठाकर जल्दी कमाई कर सकते हैं।
2 लिक्विडिटी: इंट्राडे ट्रेडिंग में आप इसमें उसी दिन अपनी पोज़िशन क्लोज़ कर देते हैं जिससे आपका पैसा लॉस नहीं होता। इसका अर्थ है कि आप अपना पैसा बार-बार उपयोग कर सकते हैं।
3 मार्जिन का लाभ: इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय अक्सर ब्रोकर फर्म्स आपको अधिक मार्जिन प्रदान करती हैं, जिससे आप कम रकम में अधिक शेयर खरीद सकते हैं। कम रकम में भी महत्वपूर्ण सौदे किए जा सकते हैं।
4 पॉज़िशनल रिस्क से मुक्ति: आप दिन के अंत तक सभी पोज़िशन क्लोज़ कर देने से रात भर के बाजार के जोखिम से बच जाते हैं। इंट्राडे ट्रेडर कभी-कभी वैश्विक घटनाओं के कारण अगले दिन मार्केट खुलने पर बड़े बदलावों से बच जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान?
जैसा कि कहा जाता हैं हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसी तरह इंट्राडे ट्रेडिंग के साथ भी जोखिम जोड़ा हैं।1 उच्च जोखिम: इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक की कीमतों में छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से लाभ मिलता है लेकिन वे भी बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं। सही समय पर सही निर्णय नहीं लेने से जल्दी नुकसान हो सकता है।
2 मानसिक तनाव: इंट्राडे ट्रेडिंग तुरंत फैसले इंट्राडे ट्रेडिंग का आधार हैं। यह कभी-कभी बहुत मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर बाजार आपके पक्ष में नहीं चलता है। स्क्रीन पर लगातार नज़र रखने से थकान भी हो सकती है।
3 फीस और ब्रोकरेज: कई बार लगातार लेन-देन आपके मुनाफे को कम कर सकता है क्योंकि ब्रोकरेज फीस और अन्य शुल्क बढ़ जाते हैं। इसलिए आपको खर्च भी सही तरीके से इंवेस्ट करनी चाहिए।
4 भावनात्मक निर्णय: कई बार जल्दी-जल्दी फैसले गलत साबित हो सकते हैं। यदि आपको कोई नुकसान हुआ है, तो आप जल्दी से निर्णय लेकर उसे भरने की कोशिश कर सकते हैं। यह भावना अक्सर बहुत बड़ा नुकसान करती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए टिप्स?
2 मार्केट रिसर्च: दिन की शुरुआत से पहले खबरों और बाजार की ट्रेंड पर नज़र रखें। सही जानकारी आपके निर्णय को आसान बनाएगी।
3 स्टॉप लॉस का उपयोग करें: हमेशा स्टॉप लॉस सेट करें, ताकि आपका नुकसान सीमित रहेगा अगर बाजार आपकी उम्मीद के विपरीत चलता है तो
4 संयम और धैर्य: Interday trading भी एक मानसिक खेल है। संयम बनाए रखना बहुत ज़रूरी है क्योंकि भावनाओं में लिए गए निर्णय अक्सर हानिकारक होते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में उपयोग होने वाली प्रमुख रणनीतियाँ?
स्कैल्पिंग (Scalping)
यह रणनीति छोटे पैसे कमाने पर केंद्रित है। स्कैल्पर्स बहुत कम समय (मिनटों या सेकंडों) में ट्रेड करते हैं और दिन भर में कई ट्रेड्स करते हैं। उन्हें मार्केट में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से जल्दी लाभ कमाना है। इसमें तेजी से एंट्री और एग्जिट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि छोटे मुनाफों से बड़ी रकम मिल सकती है।
ब्रेकआउट ट्रेडिंग (Breakout Trading)
इस रणनीति में ट्रेडर्स विशेष रूप से उन स्टॉक्स पर ध्यान देते हैं जो किसी विशिष्ट कीमत स्तर को पार करते हैं, जिसे हम ब्रेकआउट कहते हैं। जब स्टॉक किसी सपोर्ट या रेजिस्टेंस स्तर को तोड़ता है, तो स्टॉक में और तेज़ी या गिरावट आ सकती है। यह रणनीति उन ट्रेडर्स के लिए है जो कीमत में बड़े बदलाव का अनुमान लगाते हैं।
मूविंग एवरेज क्रॉसओवर (Moving Average Crossover)
इस तकनीकी रणनीति में दो मूविंग एवरेज (एक छोटा और एक लंबा) का उपयोग किया जाता है। बाय संकेत तब होता है जब छोटा मूविंग एवरेज लंबे मूविंग एवरेज से अधिक होता है। यह भी एक सेल संकेत देता है जब यह उसे नीचे से काटता है। रुझानों को पकड़ने में मदद करने के लिए यह एक पारंपरिक और व्यापक उपयोग की जाने वाली रणनीति है।
रिवर्सल ट्रेडिंग (Reversal Trading)
इस रणनीति में, ट्रेडर्स उन स्टॉक पर ध्यान देते हैं जिनकी चाल अचानक बदल सकती है। रिवर्सल ट्रेडर्स, यदि कोई स्टॉक लगातार गिर रहा है और उसके महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल तक पहुंचने की संभावना है, तो उसमें खरीदारी करते हैं, उम्मीद करते हुए कि स्टॉक उछलकर वापस ऊपर जाएगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए उपयोगी टूल्स?
चार्टिंग सॉफ़्टवेयर
तकनीकी संकेतक (Technical Indicators)
लेवल 2 डेटा (Level 2 Data)
अल्गोरिदम ट्रेडिंग
क्या इंट्राडे ट्रेडिंग आपके लिए सही है?
नए ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे धीरे-धीरे शुरू करें, मार्केट का अध्ययन करें और जोखिम को समझते हुए अपने कदम बढ़ाएं। Interday trading में सफलता तुरंत नहीं मिलती, धैर्य, अनुभव और अनुशासन चाहिए। यहां कुछ अंतिम सुझाव हैं जो आपको निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं कि क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अंतिम सुझाव?
अनुशासन बनाए रखें
भावनाओं पर काबू रखें
मार्केट का ज्ञान रखें
स्टॉप-लॉस का सम्मान करें
सही समय पर एग्जिट लें
रिकॉर्ड रखें
ट्रेडिंग करते समय एक विस्तृत रिकॉर्ड रखना चाहिए। इससे आपको पता चलेगा कि कौन सी रणनीतियाँ आपके लिए बेहतर हैं और कौन सी नहीं। भविष्य में बेहतर निर्णय लेने के लिए आप अपने पिछले ट्रेंड्स का विश्लेषण करने में मदद मिलेगा।